उदयपुर-भींडर हॉस्पिटल की जमीन के लिए एकजुट हुआ भींडर, भरी हुंकार

विधायक बोले एक इंच भी जमीन भूमाफियाओं के कब्जे में नहीं जाने दूंगा विश्वास रखें, प्रशासन का रवैया गलत

जमीन कोई विवादाग्रस्त नहीं चिकित्सालय की थी ओर रहेगी, जान भी देनी पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे

सूरजपोल चौराहे पर हुई आम सभा, सामाजिक बहिष्कार करने जैसी गूंजी आवाजे

महिमा श्रीमाली उदयपुर – जिले के भींडर नगर के स्वर्गीय गुलाब सिंह शक्तावत राजकीय सामान्य चिकित्सालय के सामने करीब 50 वर्षों से विवादित पड़ी चिकित्सालय की जमीन को बचाने के लिए क्षेत्रवासी एक बार फिर उद्वेलित नजर आए लोगों सुरजपोल चौराहे पर आम सभा कर जमीन को बचाने के लिए लोगों को एकजुट होने की अपील की । आयोजित आमसभा की अध्यक्षता हॉस्पिटल जमीन बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुंदरलाल लिखमावत ने की । कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक उदय लाल डांगी भी पहुंचे । विधायक डांगी ने कहा कि भींडर की जनता विश्वास रखें 1 इंच भी जमीन भू माफिया के कब्जे में नहीं जाने दूंगा , कहां की प्रशासन का गलत रवैया था, अगर ऐसा फिर से हुआ तो मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। विधायक ने प्रशासन को भी चेताया कि वह उक्त जमीन पर आने से पहले विचार करें, विधायक होने के बावजूद मुझे एसपी से आईजी तक से बात करनी पड़ी । विधायक ने मामले को अच्छे अधिवक्ता से न्यायालय में अपील करवाने के लिए 51000 देने की घोषणा की । कहां की भू माफियाओं के अन्य कारोबार की भी वह जांच करवाएंगे । सभा को संबोधित कर रहे वक्ताओं ने कहा कि चिकित्सालय की जमीन का कोई विवाद नहीं, चिकित्सालय की थी ओर रहेगी , जमीन को बचाने के लिए जान देनी पड़ी तो कभी पीछे नहीं हटेंगे। वक्ताओं ने कहा की दान की जमीन पर भूमाफियाओं की गिद्ध नजर है, अब समझोता करने की बात कह रहे हैं, लेकिन जमीन को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। वक्ताओं ने जमीन को विवादित बनाने वाले भूमाफियाओं का सामाजिक बहिष्कार करने की बात भी रखी । संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुंदरलाल लिखमावत ने जमीन की स्थिति बताते हुए कहा कि 1668 में होस्पीटल के लिए उधार पेसे लेकर खरीदी गई, जमीन का मुख्य चोर जमीन बेचने वाला तो दोषी खरीददार भी , मुल स्टे जनता का है, डरने की जरूरत नहीं । वक्ताओं ने कहां कि सरकार व प्रशासन भी जनता से उपर नहीं, अब समय आ गया है हमें उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा , ओर जाएंगे। हमारा आंदोलन अहिंसक है हम पत्थरबाज नहीं, जमीन पर किसी को नहीं आने देंगे। भींडर की जनता न्यायालय , फैसला भी हम करेंगे, राजनीति करने का प्रयास किया तो भूगतना पड़ेगा । सभा को मीठा लाल फांदोत, हिम्मत लाल नंदावत , हितेश व्यास, अंबालाल गांगावत, लता चौबीसा, पूर्व पालिकाध्यक्ष गोवर्धन लाल भोई , गिरिश सोनी , राजु भाई बोहरा , विनोद मोर्य, महेन्द्र सिंह पंवार, हिरा लाल पंड्या, सालेड़ा सरपंच सुरजमल मेनारिया, भंवर लाल भट्ट, मेनार सरपंच ऊंकार लाल भलावत , सुरेश कंठालिया, महावीर नागदा , तिलक व्यास , सलीम मोहम्मद आदि कई वक्ताओं ने संबोधित किया। सभी नगरवासियों का आभार संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुंदरलाल लिखमावत ने किया । शुक्रवार को हुआ था बवाल शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए एक पत्र नगर में वायरल हुआ जिसमें जिला श्रम न्यायालय उदयपुर के आदेश के आदेश पर पुलिस प्रशासन रिसीवर नियुक्ति के साथ जमीन का कब्जा संबंधित व्यक्तियों को दिलवाने व व्यवधान पैदा करने वालों के खिलाफ करवाई की बात साफ लिखी हुई थी । संबंधित व्यक्तियों को जमीन का कब्जा दिलवाने के लिए वल्लभनगर डिप्टी के साथ चार पुलिस थानों का जाप्ता भी थाने पहुंच गया । इससे पहले ही पत्र को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया और दिन में चिकित्सालय बचाओ संघर्ष समिति सहित नगर वासियों बाजार बंद कर विवादित जमीन चिकित्सालय की होने व कब्जा नहीं सौंपने व जमीन को भूमाफियाओं से मुक्त कराने पुलिस थाने के बाहर जमकर नारेबाजी कर डिप्टी वल्लभनगर राजेंद्र सिंह जैन को ज्ञापन सौपा था । ज्ञापन में बताया कि बहुचर्चित हॉस्पिटल की जमीन विवादास्पद मालिकाना हक के लिए पिछले 50 वर्षों से नगर सहित आस-पास गांव के ग्रामीण संघर्ष कर रहे हैं, जानकारी में आया है ,कि जिला एवं सेशन न्यायालय उदयपुर द्वारा 18.02.2025 को पारित आदेश में उक्त विवादित जमीन का कब्जा सत्यनारायण पिता ऊंकार लाल अग्रवाल व मनोज कुमार पिता नवरतन मल दक जैन भींडर को देने हेतु आदेश हुआ है ।

पुरा मामला – जमीन अस्पताल की, विवाद पुराना

स्थानीय गुलाब सिंह शक्तावत राजकीय सामान्य चिकित्सालय के सामने पड़ी हॉस्पिटल के नाम की विवादित जमीन को लेकर वर्ष 2012 में तत्काल उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया के विधानसभा में उठाए प्रश्न 5568 के जवाब में सामने आया कि यह जमीन अस्पताल की है । अस्पताल के निर्माण के लिए 18 जून 1968 को चतुर्भुज पुत्र किशोर राजपूत से 6.5 बीघा जमीन क्रय की गई थी। इसको शरफअली बोहरा व राधाकिशन चौधरी के नाम पर एक दिन व एक ही समय पर रजिस्ट्री करवाई गई। भीण्डर उपभोक्ता सहकारी समिति से रोकड़ पाने 16 पर 3350 रुपए हॉस्पिटल भीण्डर के नाम एवं हॉस्पिटल भींडर की जमीन लेने के लिए हस्ते चतुर्भुज एवं 2456.50 रुपए रूपलाल ( तत्कालीन मंत्री कांग्रेस कमेटी भीण्डर) के नाम से उठाए गए। शेष राशि 4000 रुपए शरफ अली एवं अन्य से लेकर कुल 11000 रुपए में दोनों रजिस्ट्री करवाई गई। हास्पिटल निर्माण के लिए समिति का गठन 17-11-1977 को किया गया, जिसके अध्यक्ष तत्कालीन कलक्टर को बनाया गया। अशरफ अली के नाम पर जो जमीन क्रय की गई वह भवन निर्माण समिति के नाम हस्तानान्तरित कर दी, लेकिन राधाकिशन चौधरी ने अपने नाम पर खरीदी जमीन को हास्पिटल के नाम हस्तानान्तरित नहीं कर अब यह जमीन सत्यनारायण पिता ऊंकार लाल अग्रवाल व मनोज कुमार पिता नवरतन मल जैन भींडर को विक्रय कर दी । जमीन को लेकर वाद एडीजे उदयपुर में लम्बित था । सरकार ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि उपखण्ड मजिस्ट्रेट वल्लभनगर द्वारा थानाधिकारी भीण्डर को जमीन के विवादित प्रकरण में रिसीवर नियुक्त किया । वर्तमान में यह जमीन थानाधिकारी भीण्डर के कब्जे में बताई गई।

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